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Sad Shayari, Pehli Mohabbat Ka Anzaam


हर तन्हा रात में एक नाम याद आता है,
कभी सुबह कभी शाम याद आता है,
जब सोचते हैं कर लें दोबारा मोहब्बत,
फिर पहली मोहब्बत का अंजाम याद आता है।

 गीली लकड़ी सा इश्क़ तुमने सुलगाया है,


न पूरा जल पाया कभी न ही बुझ पाया है।



हर बात पे रंजिशें हर बात पे हिसाब,

शायद मैंने इश्क नहीं, नौकरी कर ली।



बदलेंगे नहीं जज़्बात मेरे तारीखों की तरह,

बेपनाह इश्क़ करने की ख्वाहिश रहेगी उम्र भर।



जब मिलो किसी से तो जरा दूर का रिश्ता रखना,

बहुत तड़पाते हैं अक्सर सीने से लगाने वाले।

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