सिगरेट का धुआं और आपकी बातें ....
दोनों हवा में ही अच्छी लगती हैं !!! 🤨😒
शोर सी है ज़िन्दगी मेरी ....
सुकून सा है इश्क़ तेरा !!! ❤️
पसंद तो मै उन्हें सादगी में हूँ ...
पर उनके लिये सजना मुझे पसंद हैं !! ❣️😍
मेरी तन्हाईयाँ भी शायर हैं, नज़रे अशआर-ए-जाम रहती हैं;
अपनी यादों का सिलसिला रोको, मेरी नींदे हराम रहती हैं......
मेरे लिखने से क्या,
तुम पढ़ो तो कोई बात बने!
मेरे सोचने से क्या,
तुम समझो तो कोई बात बने!
मै चुप हूँ तो क्या,
तुम बोलो तो कोई बात बने!
मेरे चाहने से क्या,
तुम एहसास करो तो कोई बात बने !!
मै बैरंग हूँ तो क्या,
तुम रंग भरो तो कोई बात बने।
बहुत खुशनसीब हूँ मैं,
क्योंकि तेरे सबसे करीब हूँ मैं....!!!!
ये मौसम की बारिश और मिट्टी की खुशबू...
मुझे तेरी यादों के और करीब लाती हैं !! 😍
क्या गज़ब का इश्क़ फरमाते हो,
दूरियाँ तो है मीलों की मगर..
हर दफा अपने अल्फ़ाज़ों से आप कुछ और करीब मेरे आ जातें हो...!!
छेड़ी है कोई धुन इन बारिशों ने ,
हवा में घुल कोई संगीत रहा है||
किवाड़ की ओट से देखा आज मैंने,
तू उस पेड़ के नीचे भीग रहा है ||
मैं, तुम और बारिशें लग रही मायूस बड़ी,
शायद यह जीवन का आखिरी सावन है,
जो संग तुम्हारे बीत रहा है||.
हमसफ़र हैं हम...पर,
उसकी मंज़िल कोई औऱ है...!!!🖊️
मेरी सारी तवज्जो है उसकी तरफ,
मेरे पास किसी के लिए वक्त नही.!
हमारी हर आहट का एहसास हो जाए,
काश कि उनको हमसे ऐसा इश्क़ हो जाए …!!!
कोई और तुमको देख़े भी तो क्यों,
मेरी ही आँख़ो को जब तुम कम पड़ती हो..😏
तुम बदलकर तो देखो,
हम पलटकर भी न देख़ेगे।।
तू बेतहाशा तो है मुझमे,
मग़र क़ामिल नही है,
तेरे ही नाम का मर्ज़ है मुझे,
और दवा में तू ही शामिल नही है......
तेरी हाँ और तेरी ना में उलझता जा रहा हूँ मैं,
तेरी खामोशियों की जुस्तजू में बिखरता जा रहा हूँ मैं,
तेरी दूरियाँ को अपनी नज़दीकियाँ बनाते जा रहा हूँ मैं,
कुछ इस ढंग से तुझसे इश्क़ किए जा रहा हूँ मैं।
मुझे मोहब्बत उन तमाम हर्फ़ से है...!!
जो तुम्हारे नाम में आते हैं...!!!!
नहीं आता तेरे इश्क़ को छुपाना मुझे ...
तेरी खुशबू मेरी हर शायरी से आती है !!!
क्यूँ है इसका जवाब नही मेरे पास,
बस इतना पता है मोहब्बत है तुमसे !
हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का..
बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम..!!!
तू रख गुरूर तेरे हुस्न का बेशक,
हम आँखें मूंद कर इश्क करते हैं ।
किताब-ए-इश्क़ में उसको पढ़ाऊँगा मोहब्बत,
तख़्ती-ए-दिल पे उससे लिखवाऊँगा मोहब्बत,
वो जो ग़ज़ल मैंने उसके हुस्न पर लिक्खी है,
वो जब मिलने आएगी उसे सुनाऊँगा मोहब्बत,
उसे शिकायत है कि मैं क्यूँ ख़ामोश रहता हूँ,
इक रोज़ उसे गले लगाकर बताऊँगा मोहब्बत।
होठों से लगाकर पी जाऊ तुम्हे,
सर से पाँव तक शराब जैसी हो तुम!!
🥴
बेशुमार सा कुछ लिखना था,
मैंने तुझ पर "एतबार" लिख दिया...!!
तेरी बिखरी जुल्फों को सावारूँगा,
तुझे जल्दी अपना कह के पुकारूंगा,
लोग जल जायगे तुझे मेरा देख कर देखना
और में तुझे इस तरह से अपनी शायरी में उतारूंगा....
अब भीख में मिली हुई तवज्जो,
हम मुँह पे मार देते हैं...
😠😠
एक मुद्दत की रिफ़ाक़त का हो कुछ तो इनाम ,
जाते जाते कोई इल्ज़ाम लगाते जाओ....
ख्यालों मे भटक जाना, तेरी यादों में खो जाना,
बहुत महंगा पड़ा है मुझको, सिर्फ तेरा हो जाना।
अब अच्छा नहीं लगता है मुझे,
के बार बार अपनी याद दिलाऊं।
उसके जाने का ग़म कितना है बताऊँ तुम्हे,
अब किसी का भी आना अच्छा नही लगता..
उसके लबों का मय,अफीम सा नशा हो जैसे...
ना मिले जिस दिन,दिल बे-सुकुन रहता है ..!!
एक सैलाब होता है सीने में, आखों से जिनके अश्क नहीं बहते |
दिल में दर्द लिए रहते हैं, एक बात किसी से नहीं कहते |
मिलेगा खुदा तो पुछूगीं उससे,
कहाँ रहते हैं बो लोग ..जो कहीं के नहीं रहते||
खत्म हो रहा है अब धीरे धीरे उसके इश्क का असर,
अब एक चाय के सिवा हम किसी के आदी नहीं रहे...!
मेरी शायरी में,
यारा एक ऐसी मेरी जुबानी है...
जिसके आधे हिस्से में तेरा ज़िक्र,
और आधे हिस्से में मेरी दिवानगी है.....
यूँ आये हो मुक़द्दर में
की पाकर तुम्हे,
उम्र सारी अब गुजरेगी
'महादेव' के शुक्र में!
आप सभी को सावन मास की शिवरात्री की ढेर सारी शुभकामनाएं 😍 ...
❣️ मरे महादेव ❣️ माही 😍
आप सबके लिए मैंने ही वीडियो बना दी,
उम्मीद करता हूँ के पसंद आएगी सभी को।🙏
तुमसे तुम्हारे बाद यही वास्ता रहा,
बिछड़े हुवों में नाम तेरा ढूंढता रहा,
लिख तो दिया के आज से तुम मेरे नहीं,
लेकिन क़सम से हाथ मेरा कांपता रहा....!
करूं तेरा जिक्र या,
एहसासों मे रहने दूं?
करूं तुझे महसूस या,
धड़कन मे बहने दूँ?
तुझे लफ़्ज़ो में करूं बयां...,
या इबादत मे रहने दूँ!?
आंखों में आंसू कभी भरने नहीं देते ...
चेहरे पर दर्द कभी उभरने नहीं देते ...
इतने दयालू हैं मेरे महादेव ...
मैं टूट भी जाऊं तो बिखरने नहीं देते !!!
कुछ अजीज यारो ने बातों में लगा रखा है वरना,
महबूबा से बिछड़ने वाले कब केे मर गए होते।
परखने वाले बहुत मिले मुझे ....
काश किसी ने समझा भी होता !!! 😒😔
तेरे इश्क़ की आग में जल कर ए महबूब......!!
कुछ मैं राख हुआ, कुछ मैं पाक हुआ......!!!!
जिस्म से करने लगे है,मुलाकात आजकल के आशिक़,
वो गालों से जुल्फों को हटाने का जमाना अब नहीं रहा..!!
कमज़ोर पड़ गया था मुझसे उसका ताल्लुक.......
क्योंकि उसके सिलसिले कहीं और मजबूत हो गए थे।
दिल तो करता है लिख दूँ तुम्हारा नाम शायरीयों मे,
पर डरते है कोई चुरा ना लें तुमको मेरे अल्फाजों की तरह ।
मुझे तुमसे बिछड़ना ही पड़ेगा ...
मैं तुम्हे याद आना चाहती हूं !!! 😌
जब मुश्किल समय आए,
सब कुछ बेकाबू हो जाए....
उससे थोड़ा और प्रेम करना,
जिससे तुम अब तक करते आए हो...!!
मैं वाकिफ़ हूँ चार दिन की मोहब्बत से,
मैं भी रह चुका हूँ अज़ीज़ किसी का...!!!
मोहब्बत को भी भूख होती है इज्ज़त की,
इज्ज़त ना मिले तो मोहब्बत मर जाती है..!!
ज़िक्र जब कोई ज़िन्दगी का करे,
हम तस्वुर में सिर्फ तुम्हे लाते है।
ज़ज्बात अपने काबू में रखो साहिब,
मुस्कुराना लड़कियों की फितरत होती है ...!
नहीं है तो ना सही उसे मोहब्बत ...
अब झूठा वहम भी क्या पालना !!!
बिछड़ गए अबकी बार हंसते खेलते हम ...
दिलों में मलाल हमसे अब रखा नहीं जाता !!!
जरा सी देर में दिल मे उतरने वाले लोग,
जरा सी देर में दिल से उतर जाते हैं ।
बहुत लाजवाब फरमाइश है मेरे दिल की ..
फिर से मुहब्बत करनी है और उससे ही करनी है..❤️
मोहब्बत में शर्त भी कितनी अजीब रखती है वो,
हर शिकायत के बदले बोसा लबों पर लेती है वो..!
शनिवार शाम को वो उसका रूखापन,
मेरे इतवार को सोमवार कर देता है ...
मैं दिया हूँ मेरी फ़ितरत है उजाला करना,
वो समझते हैं कि मजबूर हूँ जलने के लिए।
जिसे जाना है उसे जाने दो ...
वो अगर आज रुक भी गया, तो कल चला जाएगा !!
समेटकर रख दिया है जज्बातों को,
थोड़े सुकून के हकदार हम भी हैं।
सलीके का ख्याल है मुझे ...
तभी सिर्फ आंखें नम हुई,, आंसू छलके नहीं !!!
िश्ते अंकुरित होते हैं प्रेम से.!
जिन्दा रहते हैं संवाद से.!
महसूस होते हैं संवेदनाओं से.!
जिए जाते हैं दिल से.!
मुरझा जाते हैं गलतफहमियों से.!
बिखर जाते हैं अहंकार से.!
मोहब्बत तो तुमसे हर कोई करेगा,
कहां से लाओगे तलबगार हम जैसा..!!!
बड़े ही खुशनुमा वहम थे ...
कि हम उनके लिए अहम थे !!! 😌
जो मुकम्मल नहीं मिलते,
वो मुकम्मल बिछड़ते भी नहीं...
तेरे online आने पर वो हरी बत्ती,
मुझे चांद से भी ज्यादा खूबसूरत लगती है !
😍😍😍
दावे उन हसीनों के हैं हमसे दिल लगाने के,
प्रोफाइल पे तस्वीर जिनसे अपनी लगती नहीं है..!
तलब बन कर मिले
ओर रफ्ता रफ्ता कहानी बन कर जुदा हो गये....
खुश रहो या खफा रहो..
मुझसे दूर रहो और दफा रहो....
ख़ुदा महफूज़ रखे आपको, तीनों बलाओ से,
वकीलो से, हकिमों से, हसीनों की निगाहों से..!
ना रख किसी से मोहब्बत की उम्मीद ऐ
दोस्त कसम से लोग खुबसूरत बहुत है पर वफादार नहीं...
जंच रही है ये पायल, ये अँगूठी, सब तुझ पे मगर,
ये तोहफा दिया हुआ मेरे हाथों का नहीं है......!!
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