कैसे करें हम खुद को
तेरे प्यार के काबिल…
जब हम आदतें बदलते हैं
हर सुबह गिनती हूं मै चूड़ियां अपनी,,
ख्वाब मे जब पकड़ते हैं वो कलाई मेरी..
गुनाह किये है , गिने नही है ;
मोहब्बत की है ,बेहिसाब की है !!
ज़िन्दगी के पहलू में जिये तो बहोत है
मग़र अब भी गणित का
हिसाब आना बाकी है !!
आप खुद नही😊जानते,
आप कितने😍पयारे हो !
जान हो मेरी💞पर,,,
मेरी जान से भी💝पयारे हो !
दूरियां होने से☝️कोई,,,
फर्क नहीं 😘पड़ता बाबू "
आप कल भी👫हमारे थे,,,
और आज👸भी हमारे हो..
परदा तो होश वालों से
किया जाता है हुजूर
तुम बेनकाब चले आओ
हम तो वैसे भी नशे मे रहते है•••••••••••••••
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दिल हार जाऊ मैं रोज तेरी
इस मुस्कुराहट पर ..!!
रोज ना जाने कैसे
और खूबसूरत होती जाती है ..!!
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मैं बचपन में ही रहती तो अच्छा था,
हज़ारों हसरतें बर्बाद की मैंने जवान होकर.!!!
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पहली मुलाकात अब भी याद है,
उनको देर हो रही थी,
फिर भी मेरा हाथ पकड़ रखा था !
बेशक बातों में तुम्हारी ,,,,
बेइंतहा मोहब्बत है ...!!!
फिर भी ना मालूम क्यूँ ,,,,
यक़ीन तुम पर होता नहीं है ...!!
खुद के ही नाम को बार बार पढ़ा मैंने ..
पुरानी चैटिंग में मेरे नाम को ज़िन्दगी कहा था उसने ।
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