Advertisement

Saath Do Hamaara Jeena Ham Sikhaayenge Manjil Tum Pao

 


 ❤️ “साथ” दो हमारा “जीना” हम सिखायेँगे

मंजिल” तुम पाओ “रास्ता” हम बनायेँगे

    💕💕

 “खुश” तुम रहो “खुशिया” हम दिलायेँगे,

                                                तुम बस “दोस्त” बने रहो दोस्ती हम निभायेंगे💕💕

कभी तो ले आओ होठो पर,
जो बात तिरी आंखे कहती हैं।


इश्क की खुली किताब हूँ मैं ,
तुम्हें समझ क्यों न आया !
सारे पन्ने भरे पड़े हैं ,
तुम्हें नाम अपना 
पढना क्यों न आया !!

लफ़्ज़, अल्फ़ाज़,काग़ज़,किताब सब बेमानी है,

तुम सामने हो,मैं देखता रहूँ,बस इतनी कहानी है।

Post a Comment

0 Comments