“साथ” दो हमारा “जीना” हम सिखायेँगे
मंजिल” तुम पाओ “रास्ता” हम बनायेँगे
“खुश” तुम रहो “खुशिया” हम दिलायेँगे,
तुम बस “दोस्त” बने रहो दोस्ती हम निभायेंगे
जो बात तिरी आंखे कहती हैं।
“साथ” दो हमारा “जीना” हम सिखायेँगे
मंजिल” तुम पाओ “रास्ता” हम बनायेँगे
“खुश” तुम रहो “खुशिया” हम दिलायेँगे,
तुम बस “दोस्त” बने रहो दोस्ती हम निभायेंगे
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