मुस्कान का कोई मोल नहीं होता ,
रिश्तों का कोई तोल नहीं होता,
लोग तो मिल जाते है हर रस्ते पर ,
लेकिन हर कोई आपकी तरह अनमोल नहीं होता..
सरक गया जब....
उसके रुख़ से पर्दा अचानक,
फ़रिश्ते भी कहने लगे...
काश हम भी इंसा होते।
कभी अलविदा कह दूँ तो...
समझ लेना तुम...,
कुछ मेरी उम्मीदें रही होंगी..
कुछ तुम्हारी बेरूखी....
ख्वाहिश ये नही कि वो लौट आये पास मेरे,
तमन्ना ये है कि उसे जाने का मलाल रहे...
रिश्तों को लफ्ज़ो का मोहताज ना बनाइये..
अगर अपना कोई खामोश है तो खुद ही आवाज लगाइये।
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