अब हम ने भी
कलम रखना सीख लिया है ,
जिस दिन भी कोई कहेगा कि हम तुम्हारे हैं ,
दस्तखत करवा लेंगे। ।
मैं शायर और वो मुरीद,
कम्बख़्त सारी मुलाकात वाह वाही में गुजरी.....!!
इक रोज आयेगा वो तमाम फुरसतें लेकर.,
इक रोज़ हम कहेंगे ज़रूरत नही रही...!!
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