रचा है मैंने इतिहास मोहब्बत के फ़साने में,
रखते हैं लोग मुझे दिलों के खज़ाने में.
एक बरस के बाद हमे कोई चाहने लगा है,
वो हमारी बातों पर मुस्कराने लगा है.
अगर सारा जहां दीवाना मेरा होता
तब भी मेरा दिल बस तेरा होता.
मैं अपने अंजाम से वाकिफ हूं पर क्या करूं,
मुझे एक शक्श ने दीवाना बना रखा है।।
मेरी आँखों में यही हद से ज्यादा बेशुमार है...!!
तेरा ही इश्क़, तेरा ही दर्द, तेरा ही इंतज़ार है...!!!!
पिता और प्रेम के बीच खड़ी है जो लडकी,
कितनी बदनसीब है वो लड़की....!!!
तुम्हें बचाकर रखता हूँ खर्च नहीं करता,
मन में रखता हूँ व्यक्त नहीं करता ।।
भर के बाहों में
तुझको यूँ लगता है,
कि सारा जहाँ
मेरे आग़ोश में आ गया हो जैसे....!!!!
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