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बहुत तस्वीरे तो नही मेरे पास तुम्हारी पर हाँ, काले सूट मे तुम कमाल लगती थी.....




बात चली चाँद से सुन्दर कौन है,हम गलती से गुलाब बता बैठे,

झुंझलाये वो इस कदर,झटके से नकाब उठा बैठे।।।।



बहुत तस्वीरे तो नही मेरे पास तुम्हारी पर हाँ,  

काले सूट मे तुम कमाल लगती थी.....



 कलाई पर सजा के राखी,


माथे लगा दिया है चंदन,


सावन के पावन मौके पर,


मेरी प्यारी बहनो को हैप्पी रक्षा बंधन।






जला वो मोहब्बत मेरे सीने में,

के ख़्याल ग़ैर का आये तो ख़ाक़ हो जाऊँ..






मैं जीवन लिखूं तो तुम 

अपना साथ समझना,


मै सुकून लिखूं तो तुम 

अपने हाथों मे मेरा हाथ समझना,


मैं रात लिखूं तो तुम्ही हो

मेरा हर सपना समझना, 


मैं मोहब्बत लिखूं तो 

तुम मेरे दिल पर अपना 

राज समझना❣️







जाती नहीं है इन आँखों से सूरत तेरी,

ना जाती है दिल से मोहब्बत तेरी,

तेरे जाने के बाद हुआ है महसूस हमें,

और भी ज्यादा है हमें ज़रूरत तेरी।











उनके हुस्न का
आलम न पूछिये,
बस तस्वीर हो गया हूँ
तस्वीर देखकर..









मयखाने में साकी को
भला क्या पिलाओगे…?
मदहोश हैं जो,तेरे नशे में उसे क्या बहकाओगे।











मैंने जिस से मोहब्बत का सोचा..वो खुद भी मुझे चाह रहा था,
इश्क़ में मेरे तुक्के नहीं लग रहे थे तो क्या लग रहे हैं😋😋😋












ऐसा नही के तेरी जगह कोई और आ गया...

लेकिन तेरा मुकाम भी तेरा नही रहा...







बस एक ही कारोबार पसन्द है मुझे,

तेरे ख़्याल को शायरी में बदलते रहना...










कल तलक लफ्ज़ भी नहीं थे,आज होने लगी है बाते,
हो गईं है मोहब्बत तुमसे चाय पिलाते पिलाते ।☕️









है खुशी की कभी मेरे ही थे तुम,

गम ये हैं कि तुम्हे हमेशा मेरा ही रहना था ।।












कब कहाँ किसी हकीम से इश्क़ का मर्ज़ सुधरता है,
मुहब्ब्त की सीढियां जो चढ़ता है वही उतरता है...!!











मैं इश्क़ इतना ख़ूबसूरत लिखता हूं...
कि मेरे लफ़्ज़ों से इश्क़ को भी इश्क़ है.....











जुल्फ़े तुम सवारती हो,
बिखर हम जाते हैं।










अब थोड़ा "अजनबी" ही रहना है मुझे, 
बहुत बार मैं "खास" से "आम" हुआ हूँ ।









भँवर दो बना रहे है वो इक चाय में इक गाल पे,

एक में शक्कर घुल रही है, दूसरे में दिल मेरा..!










ख़ामोश रहो,तड़पते रहो,मरते रहो पर ज़िंदा भी रहो,
यह इश्क़ का मूल नियम है,इश्क़ है तो इश्क़ करते रहो।












ज़रूरत के हिसाब से,अल्फ़ाज़ तलाश लाते हैं,
हम तो शायर हैं,सबके दिल की जान जाते हैं।












शायर नही हूँ मैं,
बस उसके ख़्याल लिखता हूँ।












किसकी मोहब्बत को लिखते हो इतना डूबकर.....!!

एक जख्म और दे देती है,वो यह पूछकर।









भगवान उन लोगो के गाल टमाटर जैसे रखना.., 

जो मेरी शायरी पर वाह वाह करते है....!! 










यूँ तो मुझे बदनामी अपनी अच्छी नहीं लगती, 
मगर लोग तेरे नाम से छेड़े तो बुरा भी नहीं लगता।












तेरी यादों से तेरे 
ख्यालों तक का सफ़र..!!
बस अब यहीं तो हैं 
मेरे इश्क़ के हमसफर....!!!! 









तकलीफ ये नही,के तुम्हे अजीज कोई और है,
दर्द तब हुआ,जब हम नजरअंदाज किये गये।।









सारा वुजूद खुशबुओं से तरबतर हो गया,

वो मेरे ज़ेहन से गुज़री और मैं इतर हो गया।







क्या कहा तुम्हारा पति शराब पीता है,

तो लानत है तुम्हारे होठों पर..!!








श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाए।।










नहीं मिलता वक्त साथ गुजारने को,

मुर्शिद! हम दोनो एक ही फलक के सूरज चांद है..











हिस्सा किसी की हिचकियों का बनिए
जनाब...
किसी की सिसकियों का नहीं..!!












मेरे हर्फ़ तेरी मोहब्बत के बड़े महगे बिक रहे है,

शायरी तेरे नाम पे करते है अहमियत मोहब्बत शायरी की बढ़ती जा रही है ...!










मैं अपनी कहानी में तुम्हें,

दुनिया की आखिरी ख़ुशी लिखूंगा...!!










हम से नफरत वाजिब है साहिबा,
ना करोगे तो मोहब्बत हो जाएगी..!!










हाथों में चाय और यादों में आप हो , 
फिर उस ख़ुशनूमा सुबह की क्या बात हो।













आ खड़ी हैँ जिंदगी उस मुकाम पर,

कोइ थाम ले तो संवर जाएंगे,नहीं तो बिखर जाएंगे।










अधुरे चाँद से फरियाद तो करती होगी,
वो मेरी याद में हद से गुजरती होगी,
वो बहुत मसरूफ सही दिन भर लेकिन,
तन्हाई के कुछ पल  बर्बाद तो करती होगी।











बस नाम लिखने की इजाज़त नहीं,

बाकी हम सब कुछ लिखते हैं उन्हीं पर।










हया से सर झुका लेना अदा से मुस्कुरा देना,
हसीनों को भी कितना सहल है बिजली गिरा देना।










कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे,

जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे।

जौन एलिया







Wholesale में मिलती है वफा यहाँ,

इश्क का Big Bazaar है internet.








नहीं करते शरीक तेरे ख़्याल में किसी और को,

हम तेरे ख़्याल का भी बहुत ख्याल रखते हैं....! 









कभी पढ़कर ख़ुशी होती होगी,कभी आंखें भर जाती होगी....

मेरी शायरी में जब किसी को अपनी कहानी नज़र आती होगी ।










आप के बाद हर घड़ी हम ने,
आप के साथ ही गुज़ारी है।











अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो,

तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो।












जो हर किसी का हो जाए,
उसका ना होना ही बेहतर है...











नहीं कर सकता है कोई वैज्ञानिक मेरी बराबरी,
मै चाँद देखने साइकल से जाया करता था।








पहले इश्क़ आया या तुम ये तो मुझे पता नहीं,

पर जब भी तुम आती हो तो इश्क़ आ जाता है।







एक बार फिरसे मोहब्बत करेंगे हम,
मुर्शिद
भरोसा उठा है, हमारा जनाज़ा नहीं...







तुझे शब्दों में लिखना आसान नही,
तू मेरा हिस्सा है कोई दास्तान नहीं....!!









यूँ तो हमें इश्क़ में कोई दिलचस्पी नहीं लेकिन,
हमारी शायरी के सबसे अज़ीज़ किरदार है "वो" !!









जब धीमे धीमे हंसती हो,उस बारिश जैसी लगती हो।।
थोड़ी ही दिल की कहती हो,ज्यादा दिल में रखती हो।।
क्यूं जाओ रंगरेज के पास,तुम तो सियाह में भी जंचती हो।।
करने दो उन्हें सिंगार.....तुम तो सादा भी सजती हो।।।







उगता नही कुछ भी यहां तेरी यादों के सिवा,
मेरे दिल की ज़मीन पे तेरी जमींदारी है।

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