जब भी करता है कोई शायर लबों पे शायरी,
ज़ायक़ा मुझ को तेरे लबों का याद आता है।
कब तक रखे हम किसी को अपने ख्यालों में,
अब किसी के ख़यालो में आने को जी चाहता है।
साँसों की माला में पिरो कर
रखे हैं तेरी चाहतो के मोती..!!
अब तो तमन्ना यही है कि
बिखरूं तो सिर्फ तेरे आगोश में..!!
न वो हमसे कहते है न हम उनसे कहते है,
पर दोनों के दिलों में दोनों रहते हैं...!!
सिर्फ शब्दों से ही मोहब्बत बयां नहीं होती....
अदाएं भी बहुत कुछ कहती है जनाब !!!
प्यार जो तुम बेहिसाब कर रहे हो ...
खामखा हमें खराब कर रहे हो !!!
फूल जब माँगते है बरसो दुआ,
तब बहारो की कली खिलती है |
वो तो आई है कही जन्नत से,
ऐसी महबूबा जमाने मे कहाँ मिलती है ।
हो सके तो हमसे परहेज़ किया कीजिए ...
हमारी लत लग गई तो कहीं सुकून नहीं मिलेगा "हमारे सिवा" !!!
बस इतनी सी ही मोहब्बत है मुझे तुमसे,
कि खुश तुम रहते हो और अच्छा मुझे लगता है।
तेरे आंखों की सहूलियत मयस्सर हो जिसको,
वह भला चाँद सितारों को कहाँ देखेगा।।
सिसक सिसक के गुजरी कल रात ...
बेशर्म चांद तुम्हारी तरह तन के खड़ा था !!!
वो हिचकियाँ अजीब सुकून दे जातीं हैं,
जो सिर्फ तुम्हारा नाम लेने पर रुक जातीं हैं।
चाहने वाले तो मिलते रहंगे तुझे सारी उम्र,
बस तू जिसे कभी भूल न पाए वो चाहत यक़ीनन हमारी होगी...!!!
जब वो रोयेगी किसी और के लिए,
उसे गले तो लगाऊंगा मगर हौसला नहीं दूंगा ...
तोहमत हज़ार बार लगी मुझ पर तेरे इश्क की,
तूं एक बार आ कर उसे मुकम्मल तो कर.....
बूंद बूंद करके तुम समा रहे हो मुझमें ...!!
जैसे बरसों से सूखी इस जमीं को
बरसात नसीब हुई हो .!!.
फुर्सत कहाँ मिलती है तुम्हारे ख़यालों से,
हर लम्हे में मौजूद होती हो तुम ख़ामोशी से।
बाहों में उनकी मेरे जो सिरहाने बन गए ...
ख्वाबों को सर उठाने के बहाने मिल गए !!!
हर साँस में तेरी याद होती है,
मेरी आंखों को तेरी तलाश होती है,
कितनी खूबसूरत है चीज ये मोहब्बत,
कि दिल धड़कने में भी तेरी
आवाज होती है...
खोकर हमें फिर तुम पा न सकोगे..
जहाँ हम होंगे वहाँ आ न सकोगे..
हरपल हमें महसूस तो करोगे
लेकिन हम होंगे वहाँ जहाँ से हमें
फिर बुला न सकोगे...
तुम कहते हो के मैं किसी गुलाब से कम नहीं ...
तो क्या मैं ये मान लूं के तुम्हे मेरे कांटों से भी प्यार है !!!
मुझे अव्वल मत रखो,
लेकिन जहाँ मुझे रखो वहाँ किसी और को ना रखो।
मुझे कहां से आएगा किसी का दिल जीतना ...
मैं तो अपना भी हार बैठी हूं तुम पर, मेरे महादेव !!!
सोचती हूं वो सोच रहा होगा मुझे ...
फिर सोचती हूं ये क्या सोच रही हूं मैं !!! 😇
सभी को पवित्र श्रावण मास के प्रथम सोमवार की शुभकामनाएं।
देवाधिदेव महादेव से प्रार्थना है कि सभी पर अपना आशीर्वाद बनाएं रखें और कल्याण करें।
हर हर महादेव जय गौरी शंकर।
जो लोग कम हो तो कांधा ज़रूर दे देना,
सिराहने आके मगर भाई भाई मत करना..
जहाँ से जी ना लगे तुम वहीं बिछड़ जाना,
मगर ख़ुदा के लिए बे-वफ़ाई मत करना...
शब्द भी हार जाते हैं
कई बार जज्बातों से...
कितना भी लिखो
कुछ ना कुछ बाकी रह जाता है.....
तुम उतर गये हो रुह में,
युं ही बेख्याल नहीं हुए हैं हम.... !!
दिन भर जो देखता रहता है तुम्हें,
उस आईने से भी नफरत है मुझे.......!!
😏😏
फिर आज कोई ग़ज़ल तेरे नाम हो जाय,
कहीं लिखते लिखते शाम न जो जाय।
कर रहे हैं इंतेज़ार तेरी मोहब्बत का,
इसी इंतेज़ार में जिंदगी तमाम न हो जाये।
मैं बारिश सी नरम ....
और वो चाय सा गर्म !!! 😛
उम्मीद-ए -वफ़ा न कर तू जमाने से,
बस यूँ ही मुस्करा ले किसी बहाने से,
जिससे बात करने काे दिल मचलता हाे,
वो चले ही जाते हैं अक्सर किसी ना किसी बहाने से..
आरज़ू नहीं कि किसी को भूलें हम,
ना तमन्ना है कि किसी को रूलाएँ हम,
बस जिसको जितना याद करते हैं हम, उन्हें उतना तो याद आएँ हम।
मुझसे मिलना हो तो खुद के किरदार मे आना,
ये चेहरे परख लेने की बुरी आदत है मुझे...❣️❣️
थोड़ा बहुत,रह ही जाते हो,
हमने कितनी बार,आंखों से बहाया है तुझको ।
तुझसे बिछड़ कर हम मुकद्दर के हो जाएंगे,
फिर ज़ो दर मिलेगा, हम उस दर के हो जाएंगे.....
ताबीज़ पहन रखा है तेरे एहसासों का,
हर असर बे असर है एक तेरे असर के सिवा...
में मुहब्बत के इरादे से नहीं आया हूँ,
में फकत शेर सुनाऊँगा चला जाऊँगा।
ये इश्क़ है...साहब...!
ये वजूद हिला देता है,
आप और मैं क्या हैं...!
ये अच्छे अच्छों को ख़ाक़ में मिला देता है।
मुफ्त में मिल जाऊँ राय थोड़ी हूँ,
हर किसी को पसंद आऊँ चाय थोड़ी हूँ ।
पा रहें है ख़ो रहें है....
तजुर्बे है हो रहें है....
कुछ यूँ भर लिया है मैंने अपनी आँखों में उन्हें.....!!
अब ये आइना मुझे मेरी तस्वीर नहीं दिखाता.....!!
तुम थोड़ा कम मुस्कुराया करो,
डूब मरेंगे हम तुम्हारे गालों के गड्ढे में ..!
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