गज्ज़ब का झूठ था कल उसके लहज़े में,
यूँ जता रही थी कि जैसे ख़ुश हो मेरे बग़ैर।
लाख़ वादे ना कर बस इक एहसान कर,
ना देख़ना किसी ग़ैर को मेरा सुकूँ जाता है।
बावरा सा मन खींचा जाए तेरी और ...
जैसे मैं एक पतंग और तू मेरी डोर !!!!
तू गंगा सी बहती धारा,मैं किसी घाट का किनारा,
तू मेरे महादेव की पुजारन,मैं अपने महादेव का दुलारा ❤️
मेरी ज़िन्दगी में तुम शामिल हो ऐसे ....
मंदिर के दरवाजों पर मन्नत के धागे हों जैसे !!!
मैं थक चुकी हूं खुदा इस रोज़ के झमेले से ....
मुझे अब दुआ की नहीं शिफा की जरूरत है !!!!
ऑर्गेनिक केमिस्ट्री के अपवाद सी है ....
ज़िन्दगी तुम्हारे बिन बेस्वाद सी है !!!!
याद कर रहे थे बस शिकवे करने को तुमसे,
तुम आए तो इश्क़ है,ये बात दोहरा दिए..!!
इश्क़ मरता नहीं है कभी भी,
बस दो टुकड़ों में जिया करता है।
ग़ौर से देखो मेरी शायरियां,
लफ्ज़ दर लफ्ज़ तुम ही हो !!
प्यार में कितनी बाधा देखी ...
फिर भी कृष्ण के साथ हमेशा राधा देखी !!!
हाय क्या शख़्स था जिसने कयामत करदी..
रात भर जागते रहना मेरी आदत करदी..!!
भीड़ में खुद को थोड़ा अलग करके देखते हैं,
चल खराब हालत में भी महफूज करके देखते हैं!
सुना है खुदा साथ देता है बदकिस्मतो का,
चल लकीरों को ही हाथ से जुदा करके देखते हैं!
इधर उधर देखो सब दुआ ही मांग रहे हैं यहां,
चल बद्दुआओ को ही हिस्से में करके देखते है!
लोग कर रहे हैं इंतजार पल पल जिंदगी का ,
चल मौत से भी इज़हार_ ए_जुर्म करके देखते हैं!
तरतीब कर रहे हैं अंधेरे से दूर जाने की सब ,
चल घनी रातों में नफ्स खामोश करके देखते हैं!
भाग रहे कमबख्त सब यहां सुकून की चाह में,
चल दर्द में ही जश्न_ए_मसर्रत करके देखते हैं!
आरोप लगा रहे देख गम_ए_उल्फत का सब,
चल दर्द में भी राज_ए_उल्फत करके देखते हैं!
कटती है ख्वाहिश_ए_सफर में हयात सबकी,
चल राज_ए_हयात को ही दफन करके देखते हैं!
सुना है लोग गलतफहमी से मोहब्बत कर बैठे हैं,
चल तर्क_ए_मोहब्बत भी दफन करके देखते हैं!
तेरे इश्क ने बख्शी है यह सौगात मुसलसल,
तेरा जिक्र हमेशा तेरी बात मुसलसल,
एक मुद्दत होई तेरे दर से निकले,
रहती है फिर भी तुझ से मुलाकात मुसलसल,
दिल्लगी दिल की लगी बन जाती है,
जब तसव्वुर में गुजरती है रात मुसलसल,
मैं मोहब्बत में उस मुकाम पर हूँ,
जहाँ मेरी ज़ात में रहती है तेरी ज़ात मुसलसल।
बेखौफ़ सी रह जाती है ये दिल की बस्ती ...
कितने चुपचाप चले जाते हैं, जाने वाले ...!!
उफ्फ,,, क़यामत है उनका इश्क़ भी ....
मोहब्बत करना चाहते हैं वो भी दोस्ती की आढ़ में !!!
वो जो हमारा नहीं है अगर हमारा हो जाए,
हमारा भी इस दुनिया में गुज़ारा हो जाए।
शहर बदलते ही बदल जाता है स्वाद चाय का,
आप इंसानों की बात करते हो.....
इतवार ना आए मोहब्बत में कभी.....
हर दिन इश्क़ से गुलज़ार होना चाहिए..!!
हम में ही थी ना कोइ बात याद ना तुमको आ सके,
तुमने हमें भूला दिया हम ना तुम्हें भूला सके।
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