कोई तो कुछ बता के जाए मुझे,
डालू नजर जिधर भी दिखे तेरा चेहरा..,
ख्वाब भी बस तेरा ही आए मुझे..!!!
सलीके हमें भी आते है उन्हें कब्ज़े में करने के,
मुर्शिद उनसे कहदो अपनी अदाओं पर गुरूर न करें...!
दिल ने की तो थी ख्वाहिश बहकने की बहुत
ना जाने कैसे इसे समझा लिया मैंने
मुहब्बत मुझे भी थी उससे बहुत
ना जाने कैसे उससे छुपा लिया मैंने,
रोक रखा है खुद को एक हाँ भरने से
इस गुनाह को सरेआम करने से,
मुहब्बत से दर्द का नाता गहरा है,
डर लगता है उसे ग़म की सौगात देने में।
तुम आओ चाहे हर रोज़ या हर इतवार ...
मैं पहनूंगी सादा सा कुर्ता तुम बनना मेरा श्रृंगार !! 😍
कहने को मोहब्बत है पर गुरूर भी रखते हो ...
तुम ही बताओ अब ऐसा कैसे मुमकिन हो ??
अपनी मसरूफियत की दुहाई ना दे,
वास्ता हमारा भी फुर्सतों से नहीं हैं..!!
मुझसे कोई ताल्लुक तो है नहीं उसका फिर,
क्यों वो उदास रहता है इक मेरे रूठ जाने से।
मत समझिए की मैं स्त्री हूं नशा है मुझमें,
मां भी हूं बहन भी बेटी भी दुआ है मुझ में,
हुस्न है रंग है ख़ुशबू है अदा है मुझ में,
मैं मोहब्बत हूं इबादत हूं वफ़ा है मुझ में,
मैं फ़क़त ज़िस्म नहीं कि फ़ना हो जाऊं,
आग है पानी है मिट्टी है हवा है मुझ में__!!
मैं इज़हार करूँ तो ना भी हो सकती है,
तुम करो तो हां की ज़िम्मेदारी मेरी...
उसका नाम भी बस उसी पर अच्छा लगता था,
उस नाम का अब कोई भी अच्छा नही लगता।
एक ही चेहरे की अहमियत हर एक की नजर में अलग अलग क्यों है ....
उसी चेहरे पर कोई खफा तो कोई फिदा क्यों है !!!
गुज़र रही है ज़िन्दगी ...
तुम नहीं तो ना सही !!! 😏
मुहब्बत कितनी रंगीन है किसी से सुन के देखिये.!!
और मुहब्बत कितनी संगीन है खुद कर के देखिये.!!
कोई ताल्लुक है बहुत गहरा तुमसे
जो खत्म ही नही होता,
हमने देखा है कई बार तुमसे
किनारा करके"""!!
बरसाती बूंदों में पुराने नग्में सुनाए कोई,
मौसम सर्द है अदरक वाली चाय पिलाए कोई।😌
खामोशियां पसंद हैं मुझे ...
शोर ने काफ़ी जख्म दिए हैं !!! 😌
मैने भी देखने की हद करदी ...
वो भी तस्वीर से निकल आया !! 😍
मेरा सुकून ... 😌
उसकी आवाज़ में मेरी लिए तलब !!! 😍❣️🥰
अल्फ़ाज़ नहीं लिखते बल्कि उनमें दर्द पिरोते हैं ...
वो शायर ही होते है जनाब जो स्याही से रोते हैं !!!
या तू कमाल है या, कलम की कलाकारी है,
जो भी लिखता है तुझे, कमाल लिखता है..!!
कोई कहे जाके जुगनू से ...
उसकी तितली उससे नाराज़ है !!! 😏
कितने सावन गुजरे तुम्हारी यादो मे,
कोई तो ऐसा सावन दो,
जो बीते तुम्हारी बाहों मे ।
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